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कविता

पिता के लिए

नरेश अग्रवाल


हम उड़ेंगे एक दिन आकाश में
और माँग लाएँगे
देवताओं से
तुम्हारे लिए ढेर सारी खुशियाँ
रंग-बिरंगे सपने
और हँसता-खेलता स्वास्थ्य तुम्हारा
पिता फिर तुम मुस्कुराना
और तुम्हारी हँसी
बदल जाएगी हमारी हँसी में
जिसके बीच छुप जाएगा
हमारा अंधकार तुम्हारे प्रकाश में
पिता इस प्रकाश के बीच
हमारे हृदय से झरेंगे
बहुत सारे श्रद्धा के फूल
नए-नए गीत प्रार्थना के
और प्रेम हमारा धूप की तरह
बिखरता जाएगा तुम्हारे चरणों में
तुम इन्हें देखो और कुछ कहो
इससे पहले ही
हम खुशियों के आँसू बनकर
बस जायेंगे तुम्हारी आँखों में
तुम हँसो इससे पहले ही
हम मौजूद होंगे
कहीं न कहीं तुम्हारे होठों में
पिता तुम हमसे
कुछ कहो चाहे न कहो
हम मौजूद रहेंगे
हमेशा तुम्हारे साथ
एक साये की तरह।


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